Saturday, June 20, 2009

20/06/09


1 comment:

  1. सही बात है, बेचारा ज़रदारी अब डरा ही घूम रहा है..कि कहीं इस बार गुद्दी ही न पकड़ ली जाये...बल्कि अपने प्रधानमंत्री से कह रहा है कि जा इस बार मिश्र में मेरी जगह तू राष्ट्राध्यक्ष-राष्ट्राध्यक्ष खेल आ.

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