कार्टून एक ऐसी भाषा है जिसमे बिना कुछ कहे भी पुरा वक्तव्य जाहिर हो सकता है मुझसे पहले भी कार्टूनिस्टों ने बहुत कुछ अनकही बातें उजागर की हैं और आगे भी ये होता रहेगा , मैं बस इस अतुल धारा में अपनी दो चार
अंजुली ही डाल रहा हूँ हो सकता है कुछ विचार किसी को चुभ जाएँ किंतु ये सच्चाई भी अटल है की कार्टून विधा
एक नकारात्मक विचार से जन्मी है बहरहाल मित्रों और आलोचकों की राय का स्वागत है
----श्याम jagota