TRYING TO LIFT BIG THINGS WITH THE HELP OF BLACK THIN LINES
गरीब की भी व्यथा होती है.
आप पापड़ बनें या सूखकर काँटा, किसको परवाह है? फिर भी लोग उन्हीं लोगों के पिछलग्गू बने हुए हैं तो चुनाव जीतकर अपने चयनकर्ताओं को ही हलाल करते हैं।
गरीब की भी व्यथा होती है.
ReplyDeleteआप पापड़ बनें या सूखकर काँटा, किसको परवाह है? फिर भी लोग उन्हीं लोगों के पिछलग्गू बने हुए हैं तो चुनाव जीतकर अपने चयनकर्ताओं को ही हलाल करते हैं।
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