देश के नेतालोग भी आम इंसान ही हैं कोई जोगी संत नहीं लेकिन भारत जैसी विविधता वाले देश में नेता ही ये मेरा राज्य ये तेरा राज्य के स्वर में बात करेंगे तो जनता भी उसी भाषा को अपनाएगी
मैंने किसी को को कहते सुना था कार्टून इंजेक्शन का असर करता है और इस बात का सबूत भी देखा पर फ़िर भी कहीं एक खोज मन में बनी रहती है कि क्या हम इन कार्टूनों से भ्रष्टाचार राजनितिक ढोंग या किसी भी बुराई को वास्तव में मिटाने कि कोशिश करते हैं या सिर्फ़ ख़ुद को मशहूर करने की चाहत में लगे रहते हैं ..... इस बात पर ही निर्भर करता है कि हम कार्टून दिल से बनते है या बस दिमाग से पाठकों से अपेक्षा रहता हूँ कि वे फैसला करें कि मेरे कौन से कार्टून दिल से निकले हैं और कौन से दिमाग से .........
कार्टून एक ऐसी भाषा है जिसमे बिना कुछ कहे भी पुरा वक्तव्य जाहिर हो सकता है मुझसे पहले भी कार्टूनिस्टों ने बहुत कुछ अनकही बातें उजागर की हैं और आगे भी ये होता रहेगा , मैं बस इस अतुल धारा में अपनी दो चार अंजुली ही डाल रहा हूँ हो सकता है कुछ विचार किसी को चुभ जाएँ किंतु ये सच्चाई भी अटल है की कार्टून विधा एक नकारात्मक विचार से जन्मी है बहरहाल मित्रों और आलोचकों की राय का स्वागत है ----श्याम jagota